Friday, July 29, 2016

कमाई का हक

कमाई का हक
एक बहुत अमीर आदमी ने रोड के किनारे एक भिखारी से पूछा.. "तुम भीख क्यूँ मांग रहे हो जबकि तुम तन्दुरुस्त हो..."
भिखारी ने जवाब दिया... "मेरे पास महीनों से कोई काम नहीं है... अगर आप मुझे कोई नौकरी दें तो मैं अभी से भीख मांगना छोड़ दूँ"
अमीर मुस्कुराया और कहा.. "मैं तुम्हें कोई नौकरी तो नहीं दे सकता .. लेकिन मेरे पास इससे भी अच्छा कुछ है... क्यूँ नहीं तुम मेरे बिज़नस पार्टनर बन जाओ..."
भिखारी को यकीन नहीं हुआ जो उसने सूना था... ये आप क्या कह रहे हैं क्या ऐसा मुमकीन है...?"
"हाँ मेरे पास एक चावल का प्लांट है.. तुम चावल बाज़ार में सप्लाई करो और जो भी मुनाफ़ा होगा उसे हम महीने के अंत में आपस में बाँट लेंगे.."
भिखारी के आँख से ख़ुशी के आंसू निकल पड़ें... " आप मेरे लिए जन्नत के फ़रिश्ते बन कर आये हैं मैं किस कदर आपका शुक्रिया अदा करूँ.."
फिर अचानक वो चुप हुआ और कहा.. "हम मुनाफे को कैसे बांटेंगे..?क्या मैं 20% और आप 80% लेंगे ..या मैं 10% और आप 90% लेंगे.. जो भी हो ...मैं तैयार हूँ और बहुत खुश हूँ..."
अमीर आदमी ने बड़े प्यार से उसके सर पर हाथ रखा ."मुझे पैसे की कोई जरूरत नहीं मेरे दोस्त ..मैं पहले से ही काफी अमीर हूँ ..मुझे मुनाफे का केवल 2.5% चाहिए ..ताकि तुम तरक्की कर सको.."
भिखारी अपने घुटने के बल गिर पड़ा.. और रोते हुए बोला... "आप जैसा कहेंगे मैं वैसा करूंगा... मैं बहुत शुक्रगुजार हूँ ...।
और अगले दिन से भिखारी ने काम शुरू कर दिया ..उम्दा चावल और बाज़ार से सस्ते... और दिन रात की मेहनत..बहुत जल्द ही उसकी बिक्री काफी बढ़ गई... रोज ब रोज तरक्की होने लगी....
और फिर वो दिन भी आया जब मुनाफा बांटना था.और वो 2.5% भी बहुत ज्यादा था... जितना उस भिखारी ने कभी सोचा भी नहीं था... अचानक एक शैतानी ख्याल उसके दिमाग में आया...
"दिन रात मेहनत मैंने की है...उस अमीर आदमी ने कोई भी काम नहीं किया.. सिवाय मुझे अवसर देने की..मैं उसे ये 2.5% क्यूँ दूँ ...वो इसका
हकदार बिलकुल भी नहीं है..।
और फिर वो अमीर आदमी अपने नियत समय पर मुनाफे में अपना हिस्सा 2.5% वसूलने आया और भिखारी ने जवाब दिया " अभी कुछ हिसाब बाकि है, मुझे यहाँ नुक्सान हुवा है, लोगोसे कर्ज की अदायगी बाक़ी है, ऐसे शकले बनाकर उस आमिर आदमी का हिस्सा देने को टालने लगा."
आमिर आदमी ने कहा के "मुझे पता है तुम्हे कितना मुनाफा हुवा है फिर कयु तुम मेरा हिस्सा देनेसे टाल रहे हो ?"
उस भिखारी ने तुरंत जवाब दिया "तुम इस मुनाफे के हकदार नहीं हो ..क्योंकि सारी मेहनत मैंने की है..."
अब सोचिये...
अगर आप वो अमीर होते और भिखारी से ऐसी जवाब सुनते .. तो ...आप पर क्या करते ?
ठीक इसी तरह.........
रब ने हमें जिंदगी दिया..हाथ- पैर..आँख-कान.. दिमाग दिया.. सोचने समझने की कुवत दी...बोलने को जुबान दिए...जज्बात दिए..."अगर यह सब वह न देता तो हम ज़िन्दगी कैसे गुज़रते
याद रखिये ....आपकी कमाई का कुछ % रब का हक है....इसे राज़ी ख़ुशी अदा कीजिये.तांकि वह उससे किसी और को दे केर उसकी ज़िन्दगी सवार सके...और अगर उससे न दे केर किसी ऐसे इंसान को दो जो वाकई ज़रुरत मंद है तो फिर क्या बात है.
दोस्तों, अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अच्छे काम मे ज़रूर लगाओ और शुक्रिया अदा कीजिये उस को..जिसने आपको जिंदगी दी।।।।

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