Saturday, October 15, 2016
Monday, August 8, 2016
कर्मों का हिसाब
कर्मों का हिसाब
एक गाँव मे एक किसान रहता था उसके परिवार मे उसकी पत्नी और एक लड़का था।कुछ सालो के बाद पत्नी मृत्यु हो गई उस समय लड़के की उम्र दस साल थी किसान ने दुसरी शादी कर ली।
उस दुसरी पत्नी से भी किसान को एक पुत्र प्राप्त हुआ।किसान की दुसरी पत्नी की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई।
किसान का बड़ा बेटा जो पहली पत्नी से प्राप्त हुआ था जब शादी के योग्य हुआ तब किसान ने बड़े बेटे की शादी कर दी।फिर किसान की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई।
किसान का छोटा बेटा जो दुसरी पत्नी से प्राप्त हुआ था और पहली पत्नी से प्राप्त बड़ा बेटा दोनो साथ साथ रहते थे। कुछ टाईम बाद किसान के छोटे लड़के की तबयीत खराब रहने लगी।बड़े भाई ने कुछ आस पास के वैदो से ईलाज करवाया पर कोई राहत ना मिली।छोटे भाई की दिनभर तबीयत बिगड़ी जा रही थी और बहुत खर्च भी हो रहा था।
एक दिन बड़े भाई ने अपनी पत्नी से सलाह की यदि ये छोटा भाई मर जाऐ तो हमे इसके ईलाज के लिऐ पैसा खर्च ना करना पड़ेगा। तब उसकी पत्नी ने कहाँ की क्यो न किसी वैद से बात करके इसे जहर दे दिया जाऐ किसी को पता भी ना चलेगा कोई रिस्तेदारी मे भी कोई शक ना करेगा कि बिमार था बिमारी से मृत्यु हो गई।
बड़े भाई ने ऐसे ही किया एक वैद से बात की आप अपनी फिस बताऔ ऐसा करना मेरे छोटे भाई को जहर देना है !
बड़े भाई ने ऐसे ही किया एक वैद से बात की आप अपनी फिस बताऔ ऐसा करना मेरे छोटे भाई को जहर देना है !
वैद ने बात मान ली और लड़के को जहर दे दिया और लड़के की मृत्यु हो गई।उसके भाई भाभी ने खुशी मनाई की रास्ते का काँटा निकल गया अब सारी सम्पति अपनी हो गई।
उसका अतिँम संस्कार कर दिया।कुछ महीनो पश्चात उस किसान के बड़े लड़के की पत्नी को लड़का हुआ ! उन पति पत्नी ने खुब खुशी मनाई,बड़े ही लाड प्यार से लड़के की परवरिश की गिने दिनो मे लड़का जवान हो गया।उन्होने अपने लड़के की शादी कर दी!
शादी के कुछ समय बाद अचानक लड़का बीमार रहने लगा।माँ बाप ने उसके ईलाज के लिऐ बहुत वैदो से ईलाज करवाया।जिसने जितना पैसा माँगा दिया सब दिया की लड़का ठीक हो जाऐ। अपने लड़के के ईलाज मे अपनी आधी सम्पति तक बेच दी पर लड़का बिमारी के कारण मरने की कागार पर आ गया। शरीर इतना ज्यादा कमजोर हो गया की अस्थि पिजंर शेष रह गया था।
एक दिन लड़के को चारपाई पर लेटा रखा था और उसका पिता साथ मे बैठा अपने पुत्र की ये दयनीय हालत देख कर दुःखी होकर उसकी और देख रहा था! तभी लड़का अपने पिता से बोला की भाई अपना सब हिसाब हो गया बस अब कफन और लकड़ी का हिसाब बाकी है उसकी तैयारी कर लो।
ये सुनकर उसके पिता ने सोचा की लड़के का दिमाग भी काम ना कर रहा बीमारी के कारण और बोला बेटा मै तेरा बाप हुँ भाई नही। तब लड़का बोला मै आपका वही भाई हुँ जो आप ने जहर खिलाकर मरवाया था जिस सम्पति के लिऐ आप ने मरवाया था मुझे अब वो मेरे ईलाज के लिऐ आधी बिक चुकी है आपकी की शेष है हमारा हिसाब हो गया !
तब उसका पिता फुट-फुट कर रोते हुवे बोला की मेरा तो कुल नाश हो गया जो किया मेरे आगे आ गया पर तेरी पत्नी का क्या दोष है जो इस बेचारी को जिन्दा जलाया जाऐगा(उस समय सतीप्रथा थी जिसमे पति के मरने के बाद पत्नी को पति की चिता के साथ जला दिया जाता था)।
तब वो लड़का बोला की वो वैद कहा जिसने मुझे जहर खिलाया था तब उसके पिता ने कहा की आप की मृत्यु के तीन साल बाद वो मर गया था।तब लड़के ने कहा की ये वही दुष्ट वैद आज मेरी पत्नी रुप मे है मेरे मरने पर इसे जिन्दा जलाया जाऐगा।
कर्मों का हिसाब हर किसी को देना होता है. स्वर्ग और नरग....सब यही पर हैं!! इस लिए, बुरा करने से पहले दस बार जरूर सोचियेगा!!
Friday, August 5, 2016
यह भी कट जाएगा
यह भी कट जाएगा
एक बार
एक राजा
की सेवा
से प्रसन्न
होकर एक साधू नें उसे
एक ताबीज
दिया और कहा कि राजन
इसे अपने
गले मे डाल लो और जिंदगी में कभी
ऐसी परिस्थिति आये कि जब तुम्हे लगे
कि बस अब तो सब ख़तम होने वाला
है ,परेशानी
के भंवर
मे अपने
को फंसा
पाओ ,कोई
प्रकाश की किरण नजर ना आ रही हो ,हर तरफ निराशा
और हताशा
हो तब तुम इस ताबीज
को खोल
कर इसमें
रखे कागज़
को पढ़ना
,उससे पहले
नहीं!
राजा ने वह ताबीज अपने
गले मे पहन लिया ! एक बार राजा अपने
सैनिकों के साथ शिकार करने
घने जंगल
मे गया!
एक शेर
का पीछा
करते करते
राजा अपने
सैनिकों से अलग हो गया
और दुश्मन
राजा की सीमा मे प्रवेश
कर गया,घना जंगल और सांझ का समय
, तभी कुछ
दुश्मन सैनिकों
के घोड़ों
की टापों
की आवाज
राजा को आई और उसने
भी अपने
घोड़े को एड लगाई, राजा
आगे आगे
दुश्मन सैनिक
पीछे पीछे!
बहुत दूर
तक भागने
पर भी राजा उन सैनिकों
से पीछा
नहीं छुडा
पाया ! भूख
प्यास से बेहाल राजा को तभी घने पेड़ों
के बीच
मे एक गुफा सी दिखी
,उसने तुरंत
स्वयं और घोड़े को उस गुफा की आड़
मे छुपा
लिया ! और सांस रोक कर बैठ गया , दुश्मन
के घोड़ों
के पैरों
की आवाज
धीरे धीरे
पास आने
लगी ! दुश्मनों
से घिरे
हुए अकेले
राजा को अपना अंत नजर
आने लगा
,उसे लगा
कि बस कुछ ही क्षणों
में दुश्मन
उसे पकड़
कर मौत
के घाट
उतार देंगे
! वो जिंदगी
से निराश
हो ही गया था , कि उसका हाथ अपने
ताबीज पर गया
और उसे
साधू की बात याद आ गई !
उसने तुरंत
ताबीज को खोल कर कागज
को बाहर
निकाला और पढ़ा ! उस पर्ची
पर लिखा
था —”यह भी कट जाएगा
“ राजा को अचानक ही जैसे
घोर अन्धकार
मे एक ज्योति की किरण
दिखी , डूबते
को जैसे
कोई सहारा
मिला ! उसे
अचानक अपनी
आत्मा मे एक अकथनीय शान्ति
का अनुभव
हुआ ! उसे
लगा कि सचमुच यह भयावह
समय भी कट ही जाएगा
,फिर मे क्यों चिंतित होऊं
!
अपने प्रभु
और अपने
पर विश्वास रख उसने स्वयं
से कहा
की हाँ
,यह भी कट जाएगा ! और हुआ भी यही
,दुश्मन के घोड़ों के पैरों
की आवाज
पास आते
आते दूर
जाने लगी
,कुछ समय
बाद वहां
शांति छा गई ! राजा रात
मे गुफा
से निकला
और किसी
तरह अपने
राज्य मे वापस आ गया
!
दोस्तों,यह सिर्फ किसी
राजा की कहानी नहीं है यह हम सब की कहानी है !हम सभी परिस्थिति,काम ,तनाव
के दवाव
में इतने
जकड जाते
हैं कि हमे कुछ सूझता
नहीं है ,हमारा डर हम पर हावी होने
लगता है ,कोई रास्ता ,समाधान
दूर दूर
तक नजर
नहीं आता
,लगने लगता
है कि बस, अब सब ख़तम ,है ना? जब ऐसा हो तो २ मिनट
शांति से बेठिये ,थोड़ी गहरी
गहरी साँसे
लीजिये ! अपने
आराध्य को याद कीजिये और स्वयं से जोर
से कहिये
–यह भी कट जाएगा ! आप देखिएगा एकदम से जादू सा महसूस
होगा , और आप उस परिस्थिति से उबरने
की शक्ति
अपने अन्दर
महसूस करेंगे
!
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